Make your anger very expensive, very precious. Nobody should be allow to buy it at any cost. Make your smile cheap. Just let it flow without being asked for. It is the only expression which is closest to your core nature. अपना गुस्सा बहुत मेहेंगा कर दो. दुनिया मैं कोई उसे नहीं खरीद पाए. वहीँ अपनी मुस्कान इतनी सस्ती कर दो की वोह यूँही प्रकट होती रहे. ज़िन्दगी मैं तृप्त रहो. यही सबसे बड़ा गुण है. हम भिखारी की तरेह सबसे कुछ न कुछ मांगते रहते हैं. जब कोई भिखारी हमारे सामने आता है तो हम क्या करते हैं. हम चुप चाप रास्ता बदल रहते हैं या फिर गाड़ी की खिड़की ऊपर कर लेते हैं, उसकी तरफ देखतें भी नहीं हैं. प्रकृति का भी व्योहार कुछ इस तरेह से ही होता है. कहते हैं जो ध्यानस्त होते हैं, वेद और ज्ञान उनकी तरफ ही अग्रसर होते हैं. जैसे पंडित मंदिर मैं दिन भर वेदों का उच्चारण करते हैं लेकिन फिर भी दुखी दिखतें हैं, उनके चेहरे पर न तेज होता है न कोई चमक. ज्ञान मांगने से या फिर दोहराने से नहीं मिलता है. Knowledge comes to those who are in meditation. The c...
"Sofar" captures the distance traveled so far from now.