Mind loves games and deception. It gets trained to like sadness and becomes master in duping you to believe that sadistic is its nature. As you attempt to deviate from the set pattern it hits back with more vengeance. मन दुःख की आदत डाल लेता है। आपको ऐसा लगने लगता है की यही आपका स्वाभाव है। और जब आप इससे दूर होने की कोशिश करते हो तो मन अपने बल से इसे दबोच लेता है। जब आप छोटे थे तो अपने स्वभाव मैं थे। खुश थे। खुशद थे। लेकिन फिर बीमार पड़े, कस्ट हुआ , लोग आये , वह भी आये जिसने कभी ध्यान नहीं दिया और आपके मन ने धारणा बैठा ली "अगर मैं दुखी रहता हूँ तो सब मुझे पूछते हैं ". ओर फिर शुरू होती है ज़िन्दगी भर की लड़ाई। अहंकार और दुखी मन की मिली भगत मैं आप कभी डूबते हो तो कभी उठते हो। यह पाप सिर्फ मेल की एक परत है। इसको ज्ञान की गंगा मैं डुबकी लगा कर धो डालो। फिर आप आपने असली स्वभाव मैं डुबकी लगाओगे। जिसमें सिर्फ आनंद है शांति है बेहतर यही होगा की आप जल्द से जल्द जीवन जीने की कला सीख लें और इस जीवन मैं मस्त हो जायें। When you...
"Sofar" captures the distance traveled so far from now.