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What can you do?

We have been brought up with this question.

तुम क्या कर सकते हो?
छोड़ो यार, फालतू मैं परेशान होते हो ?
अपने काम से मतलब रखो न यार
देश की तो ऐसी तेसी वैसे भी हो रही है
तुम अकेले क्या कर सकते हो
मीडिया कब तक इस को पकड़ के रखेगी , कल शाम के साड़ी चैनल्स पर क्रिकेट का विश्लेषण चालू हो गया था
सारकार क्या करेगी, जो अब तक सोते रहे उन्हें हकीकत से क्या वाकिफ करोगे
क्यूं हताश होते हो
तुम्हारे आस पास भी सबको अपनी नौकरी और बीवी और बच्चों  की पड़ी है, जब तक उनके सर पर शैतान नहीं हमला नहीं  बोलेगा  तब तक वो तस से मस नहीं होंगे
इस देश मैं ज़माने से होते आया है और होता रहेगा
रावन भी सीता को ले गए थे

So you see there are many reason to sit on the couch and wonder at the failure of system and society.

What can the politicians do?

  1. call parliament session
  2. introspect and discuss with open mind 
  3. pass laws that restore confidence in citizens
  4. laws that are clear and easy to implement
  5. debar any MP/MLA with criminal record against women
What can the police do?
  1. Reach out to all sections of society 
  2. Arrange for an open hour in every police station when any women can come and discuss 
  3. Videograph the event and post it on internet
  4. Publish the active cases against women with the action that they are taking 
  5. Make their friendly faces appear in every public face with the attitude of "May I Help You?"

What can the judiciary do?

  1. Start special session for all pending cases against women
  2. publish the progress on the internet 
  3. disallow appeals by convicts from lower courts

What can you do?
  1. Keep the issue alive
  2. keep lighting candles 
  3. open helplines, NGOs, volunteers who can prevent recurrance
  4. keep writing, talking, walking the issue
  5. Sex educate schools and children
  6. Spiritualize all sections of society 
Did I or You miss anything?

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