पहले खुदा नहीं था मैं अकेला था अब खुदा है मैं खुश होता खुदा तो ख़ुशी है ही पर तुम खुश नहीं तुम्हे खुश करने के लिए नाखुदाई कर नहीं सकता खुदा कब, क्यूं, कहाँ, किसे आए यह सुना नहीं सकता तुम्हारे डर को दूर कैसे करूं इस बेखुदी का रुख सीध कैसे करूं य़ा खुदा अब तू ही बता तेरे इस बन्दे से मुंह फेर कैसे करूं तू नहीं था तो दर्द था तू है तो भी दर्द है इस दर्द-ए -दिल की दास्तान कैसे ख़तम करूं तेरी करीबी तेरे तरीके मुझे सुहाए पर सबको न भाये तुझे इस दुनिया मैं कैसे रखूँ
"Sofar" captures the distance traveled so far from now.