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The power of Faith


भाव से भव  होता है।

भारत मैं सदियों से गाय को माता का स्थान दिया गया। इसलिए आज भी गाय के दूध को माँ के दूध की जगह इस्तेमाल करते हैं।

इसलिए देसी गायों मैं जो प्रोटीन/ protein पाया जाता है उससे हमारे स्वास्थ्य को लाभ होता है। जबकि विदेशी गायें जैसे जर्सी गायें मैं जो प्रोटीन पाया जाता हे उससे तरेह तरेह की बीमारियाँ होती हैं। लेकिन बेवकूफ इंसान को यह दीखता नहीं और वो धंधे के चक्कर मैं ज्यादा दूध वाली गाय के पीछे दीवाना है।

देसी गाय के मूत्र से भी कई प्रकार के कैंसर को भी दूर किया जा सकता है।

Faith brings forth life. The indian faith in the cows have created a breed that has superior quality of milk. The milk is considered equivalent to mother's milk. The type of protein in desi cows is beneficial to human growth and health.

The cows from foreign lands like jersey cows contain a protein that is harmful to human consumption and is responsible for many a disease.

There are three types of faith that we need.

  1. faith in the self
  2. faith in society
  3. faith in the unknown/God
We need to have faith in ourselves else we will be paranoid. Guruji mentioned about a couple where husband was paranoid about lock being properly put on door or not. The wife confessed that her husband takes so much time to leave the house because every few minutes he would go back and check the lock, if its properly put or not. Their house was 15 mins from ashram but they take about 10 hours to come, just because husband is paranoid. 

We need to trust in society. There are good people in the world. If you consider yourself as good then there are many others too who are like you. You are not alone. This is the reason you are able to leave your vehicle in parking lot and sit freely in satsang. If your mind was with your vehicle then you would not have a peaceful satsang. You trust that you will find your vehicle in parking lot when  you return. 

We need to have faith in the unknown force.The mechanism that is responsible for all that is and was and will be in and around us. 

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